बच्चों के लिए फोटोथैरेपी: एक प्रभावी चिकित्सा

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बच्चों के लिए फोटोथैरेपी: एक प्रभावी चिकित्सा

– द्वारा डॉ. गयास अहमद एम.बी.बी.एस., एम. डी.(डी. सी. एच.), फिजिशियन व बाल रोग विशेषज्ञ , हिंदुस्तान चाइल्ड अस्पताल, बहराइच.

फोटोथैरेपी बच्चों, विशेष रूप से नवजात शिशुओं, के लिए एक महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसका उपयोग ज्यादातर जॉन्डिस (पीलिया) के इलाज में किया जाता है। यह प्रक्रिया तब की जाती है जब शिशु के शरीर में बिलिरुबिन का स्तर बहुत अधिक हो जाता है। बिलिरुबिन एक पिगमेंट है जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने के बाद बनता है। अगर बिलिरुबिन का स्तर बहुत अधिक हो जाए, तो यह मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए इसे नियंत्रित करने के लिए फोटोथैरेपी का सहारा लिया जाता है।

फोटोथैरेपी क्या है?

फोटोथैरेपी एक सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है जिसमें बच्चे को विशेष नीली रोशनी के नीचे रखा जाता है। इस रोशनी का उपयोग बिलिरुबिन को तोड़ने और शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। यह प्रक्रिया बिना दर्द के होती है और नवजात शिशु के लिए पूरी तरह से सुरक्षित मानी जाती है।

फोटोथैरेपी का उद्देश्य शिशु के रक्त में बिलिरुबिन के स्तर को तेजी से कम करना है ताकि जॉन्डिस के लक्षणों से जल्द राहत मिल सके। जब बिलिरुबिन प्रकाश के संपर्क में आता है, तो यह एक पानी में घुलनशील रूप में बदल जाता है, जो शिशु के शरीर से आसानी से मूत्र या मल के माध्यम से बाहर निकल जाता है।

फोटोथैरेपी कैसे की जाती है?

फोटोथैरेपी के दौरान, नवजात शिशु को सिर्फ डायपर पहनाकर एक इनक्यूबेटर या बिस्तर पर रखा जाता है। शिशु की आंखों को सुरक्षा के लिए ढक दिया जाता है ताकि नीली रोशनी से कोई नुकसान न हो। फोटोथैरेपी मशीन से निकलने वाली नीली रोशनी शरीर के बिलिरुबिन को तोड़ने का काम करती है।

प्रक्रिया आमतौर पर 2 से 3 दिनों तक चलती है, जब तक कि बिलिरुबिन का स्तर सामान्य नहीं हो जाता। इस दौरान शिशु के शरीर को हाइड्रेटेड रखना और बार-बार स्तनपान कराना भी आवश्यक होता है।

फोटोथैरेपी के लाभ:
  1. तेज और प्रभावी उपचार: जॉन्डिस के लक्षणों से राहत पाने के लिए यह प्रक्रिया सबसे तेजी से काम करती है।
  2. नवजात शिशु के लिए सुरक्षित: इसमें किसी भी प्रकार की दवा का उपयोग नहीं किया जाता और इसका कोई दीर्घकालिक दुष्प्रभाव नहीं होता।
  3. न्यूनतम हस्तक्षेप: शिशु के लिए न्यूनतम हस्तक्षेप वाली यह प्रक्रिया आरामदायक होती है
भारत जैसे देश में फोटोथैरेपी की उपयोगिता

भारत जैसे विकासशील देशों में, जहां नवजात मृत्यु दर की समस्या बनी हुई है, फोटोथैरेपी जैसी चिकित्सा तकनीक अत्यधिक फायदेमंद है। कई क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी होने के कारण, नवजात शिशुओं के लिए शुरुआती जॉन्डिस का इलाज जरूरी हो जाता है।

फोटोथैरेपी मशीनें सरल और सस्ती होती हैं, जिससे यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में उपलब्ध कराना आसान होता है। ऐसे स्थानों पर जहां जॉन्डिस जैसी समस्याएं सामान्य हैं, वहां यह जीवनरक्षक साबित होती है। इसके अलावा, इस चिकित्सा के बिना, शिशुओं को गंभीर मस्तिष्क क्षति का सामना करना पड़ सकता है, जिसे केर्निक्टेरस कहते हैं। इसलिए, फोटोथैरेपी का समय पर उपयोग गंभीर परिणामों से बचा सकता है।

फोटोथैरेपी नवजात शिशुओं के लिए एक अत्यधिक प्रभावी और सुरक्षित चिकित्सा है, विशेष रूप से पीलिया के इलाज में। भारत जैसे देश में, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में जटिल चिकित्सा सेवाएं समय पर उपलब्ध नहीं होतीं, यह तकनीक नवजातों की जान बचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

मैं, डॉ. गयास अहमद, बहराइच के सभी लोगों के स्वस्थ भविष्य की कामना करता हूं। धन्यवाद।

About:

Hindustan Child hospital is the best child hospital situated in the heart of Bahraich, Led by Dr. Gayas Ahmed(M.B.B.S., M.D. (DCH)).

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